किताबे-ईमान के बयान में(Sahih Bukhari#) Hindi Hadish

 किताबे-ईमान के बयान में(Sahih Bukhari#) Hindi Hadish


Hadees#8:-+-- रसूलुल्लाह (सल्ल०) ने फ़रमाया, इस्लाम की बुनियाद पाँच चीज़ों पर क़ायम की गई है। अव्वल शहादत देना कि अल्लाह के सिवा कोई माबूद नहीं और बेशक मुहम्मद (सल्ल०) अल्लाह के सच्चे रसूल हैं और नमाज़ क़ायम करना और ज़कात अदा करना और हज करना और रमज़ान के रोज़े रखना !
Hadees#9:--+-- 
आप (सल्ल०) ने फ़रमाया कि ईमान की साठ से कुछ ऊपर शाख़ें हैं। और हया (शर्म) भी ईमान की एक शाख़ है।

Hadees#10:--+--  आप (सल्ल०) ने फ़रमाया, मुसलमान वो है जिसकी ज़बान और हाथ से मुसलमान बचे रहें और मुहाजिर वो है जो उन कामों को छोड़ दे जिनसे अल्लाह ने मना फ़रमाया। अबू-अब्दुल्लाह (इमाम बुख़ारी (रह०)) ने फ़रमाया, और अबू-मुआविया ने कि हमको हदीस बयान की दाऊद-बिन-अबी-हिन्द ने, उन्होंने रिवायत की आमिर शअबी से, उन्होंने कहा कि मैंने सुना अब्दुल्लाह-बिन-अम्र-बिन-आस से, वो हदीस बयान करते हैं जनाब नबी करीम (सल्ल०) से (वही मज़कूरा हदीस); और कहा कि अब्दुल-आला ने रिवायत किया दाऊद से, उन्होंने आमिर से, उन्होंने अब्दुल्लाह-बिन-अम्र-बिन-आस से, उन्होंने नबी करीम (सल्ल०) से।
Hadees#11:--+--  लोगों ने पूछा या रसूलुल्लाह! कौन-सा इस्लाम बेहतर है? तो नबी करीम (सल्ल०) ने फ़रमाया, वो जिसके मानने वाले मुसलमानों की ज़बान और हाथ से सारे मुसलमान सलामती मैं रहें।
Hadees#12 :--+--   एक दिन एक आदमी ने नबी करीम (सल्ल०) से पूछा कि कौन-सा इस्लाम बेहतर है? फ़रमाया कि तुम खाना खिलाओ  और जिसको पहचानो उसको भी और जिसको न पहचानो उसको भी  यानी सब को सलाम करो।
Hadees#13:--+-- नबी करीम (सल्ल०) ने फ़रमाया, तुममें से कोई शख़्स ईमानदार न होगा जब तक अपने भाई के लिये वो न चाहे जो अपने नफ़्स के लिये चाहता है।
Hadees#14:--+-- बेशक रसूलुल्लाह (सल्ल०) ने फ़रमाया,  क़सम है उस ज़ात की जिसके हाथ में मेरी जान है। तुममें से कोई भी ईमानदार न होगा जब तक मैं उसके वालिद और औलाद से भी ज़्यादा उसका महबूब न बन जाऊँ।
Hadees#15:--+-- नबी करीम (सल्ल०) ने फ़रमाया, तुममें से कोई शख़्स ईमानदार न होगा जब तक उसके वालिद और उसकी औलाद और तमाम लोगों से ज़्यादा उसके दिल में मेरी मुहब्बत न हो जाएँ।


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